37 साल की सीबीआई सेवा के बाद क्या अब राजनीति में उतरेंगे रमेश भारद्वाज?

Ramesh Bhardwaj honored with a grand garland after 37 years of CBI service
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(संजीव ठाकुर) दिल्ली/चंबा (हिमाचल प्रदेश) – Ramesh Bhardwaj CBI Politics को लेकर चर्चा तेज़ हो गई है, क्योंकि सीबीआई में 37 साल की लंबी सेवा पूरी कर रिटायर होने के बाद श्री रमेश भारद्वाज पहली बार अपने पैतृक गाँव बतोंग (चंबा जिला) पहुँचे। गाँव में उनका फूल-मालाओं से जोरदार स्वागत किया गया, और ग्रामीणों व समर्थकों ने उन्हें राजनीति में उतरने की अपील की।

Ramesh Bhardwaj CBI Politics – Return to Chamba after retirement

हिमाचल इन दिनों भीषण आपदा से जूझ रहा है। हाल ही में चंबा में मणिमहेश यात्रा के दौरान हुई घटनाएँ लोगों की यादों में ताज़ा हैं। ऐसे हालात में ग्रामीण मानते हैं कि Ramesh Bhardwaj CBI Politics में शामिल होकर इलाके के विकास के लिए काम कर सकते हैं।

Public demand grows for Ramesh Bhardwaj CBI Politics in Himachal

गाँववालों ने उनके पिता स्वर्गीय श्री गुंजाराम (जिन्हें लोग “नेताजी” कहते थे) को याद किया। नेताजी हमेशा जनता की मदद के लिए जाने जाते थे। ग्रामीण मानते हैं कि अब रमेश भारद्वाज अपने पिता की राजनीतिक और सामाजिक विरासत को आगे बढ़ा सकते हैं।

 Family legacy strengthens Ramesh Bhardwaj CBI Politics narrative

सीबीआई में 37 वर्षों तक सेवा देकर अर्जित अनुभव और अनुशासन, राजनीति या समाज सेवा में क्षेत्र को नई दिशा दे सकता है। लोगों का मानना है कि Ramesh Bhardwaj CBI Politics में उतरने से इलाके के विकास को मजबूती मिल सकती है।

Experience and discipline for regional development

समर्थकों की अपील पर रमेश भारद्वाज ने अभी कोई साफ संकेत नहीं दिया। उन्होंने केवल इतना कहा—
“विकल्प अभी खुले हुए हैं।”

उनके इस छोटे-से बयान ने ही इलाके में सस्पेंस और उत्सुकता और भी बढ़ा दी है। अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि आने वाले समय में Ramesh Bhardwaj CBI Politics हकीकत बनता है या वे किसी और रूप में समाज सेवा जारी रखते हैं।

 FAQ

Q1. Ramesh Bhardwaj ने CBI में कितने साल सेवा की?
उन्होंने CBI में 37 वर्षों तक सेवा की और फिर रिटायर हुए।

Q2. क्या Ramesh Bhardwaj राजनीति में उतरेंगे?
अभी उन्होंने स्पष्ट बयान नहीं दिया, केवल इतना कहा— “विकल्प खुले हुए हैं।”

Q3. लोग उनसे राजनीति में आने की उम्मीद क्यों कर रहे हैं?
उनके अनुभव, अनुशासन और परिवार की राजनीतिक परंपरा के कारण लोग मानते हैं कि वे क्षेत्र को नई दिशा दे सकते हैं।

Q4. Ramesh Bhardwaj का पैतृक गाँव कहाँ है?
उनका पैतृक गाँव बतोंग, जिला चंबा (हिमाचल प्रदेश) है।

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