By संजीव ठाकुर, चंबा/भरमौर
हिमाचल प्रदेश की मणिमहेश यात्रा इस बार प्राकृतिक आपदा की मार झेल रही है। हजारों श्रद्धालु, जो भगवान शिव के पवित्र झील दर्शन के लिए निकले थे, भारी बारिश और लगातार हो रहे भूस्खलन के चलते चंबा जिले के भरमौर क्षेत्र में फंस गए हैं। जगह-जगह सड़कों पर मलबा आने से रास्ते अवरुद्ध हो गए हैं, जबकि मोबाइल नेटवर्क पूरी तरह ठप होने से यात्रियों का अपने परिवारों से संपर्क टूट गया था। इससे न सिर्फ श्रद्धालुओं बल्कि उनके परिजनों में भी गहरी चिंता का माहौल बन गया।
राहत की बड़ी खबर – ICR सुविधा शुरू
इस कठिन परिस्थिति में हिमाचल प्रदेश दूरसंचार विभाग ने यात्रियों को बड़ी राहत दी है। विभाग ने 1 सितंबर 2025 तक चंबा और भरमौर क्षेत्र में इंट्रा-सर्कल रोमिंग (ICR) सुविधा शुरू करने की घोषणा की है।
इस सुविधा के तहत:
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श्रद्धालु अपने मोबाइल फोन में मैन्युअली किसी भी उपलब्ध नेटवर्क का चयन कर सकेंगे।
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चाहे वह नेटवर्क उनके मूल ऑपरेटर का न हो, फिर भी कॉल और मैसेज की सुविधा मिल सकेगी।
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आपात स्थिति में यात्रियों को परिवार से संपर्क साधने में बड़ी मदद मिलेगी।
यात्रियों और स्थानीय लोगों ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि यह सुविधा उनकी सबसे बड़ी जरूरत के समय आई है, जब नेटवर्क न होने से हालात और भी गंभीर हो रहे थे।
पुलिस प्रशासन सक्रिय – हरसंभव मदद जारी
वहीं दूसरी ओर, हिमाचल प्रदेश पुलिस भी इस आपदा की घड़ी में लगातार सक्रिय है।
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एसपी चंबा अभिषेक यादव के नेतृत्व और भरमौर थाना प्रभारी (SHO) हरनाम सिंह की देखरेख में पुलिस दल लगातार राहत और बचाव कार्य चला रहा है।
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पुलिस यात्रियों को सुरक्षित स्थलों तक पहुंचा रही है।
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फंसे श्रद्धालुओं को भोजन, पानी और चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।
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कठिन मार्गों पर पुलिस व स्थानीय प्रशासन के बचाव दल लगातार गश्त कर रहे हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत मदद मिल सके।
प्रशासन की अपील – धैर्य बनाए रखें
चंबा प्रशासन ने कहा है कि हालात पर लगातार नज़र रखी जा रही है। बचाव दलों और पुलिस की टीमें पूरी तरह सक्रिय हैं। श्रद्धालुओं और उनके परिजनों से अपील की गई है कि:
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वे घबराने के बजाय धैर्य बनाए रखें।
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नई शुरू की गई संचार सुविधा (ICR) का उपयोग कर अपने परिवारों से संपर्क करें।
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किसी भी आपात स्थिति में तुरंत स्थानीय प्रशासन या पुलिस से संपर्क करें।
मणिमहेश यात्रा की अहमियत
गौरतलब है कि मणिमहेश यात्रा हिमाचल प्रदेश की सबसे पवित्र और कठिन यात्राओं में गिनी जाती है। हर साल सावन और भाद्रपद में हजारों श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन के लिए भरमौर से 13,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित मणिमहेश झील तक पैदल यात्रा करते हैं। कठिन मौसम और दुर्गम रास्ते इस यात्रा को चुनौतीपूर्ण बना देते हैं।
इस बार प्राकृतिक आपदा ने हालात और भी मुश्किल बना दिए हैं, लेकिन दूरसंचार विभाग और पुलिस प्रशासन के प्रयासों से श्रद्धालुओं को राहत मिलने लगी है।
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