(संजीव ठाकुर)
गरीब बच्चों के सपनों को नई दिशा
देश की राजधानी दिल्ली के सरोजनी नगर की व्यस्त बाजार से महज़ 200 मीटर की दूरी पर Khalsa Middle School स्थित है। यह एक ऐसा विद्यालय है जहाँ गरीब परिवारों के बच्चों के सपनों को नई दिशा मिलती है।
यहाँ करीब 150 से अधिक विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं। उनके माता–पिता रेहड़ी–पटरी लगाकर या निर्माण कार्यों में मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का पालन–पोषण करते हैं। इन बच्चों की आर्थिक स्थिति भले ही कमजोर हो, लेकिन उनकी पढ़ने की लगन और कुछ बनने की चाह बेहद मजबूत है।
शिक्षक जो निभाते हैं परिवार की भूमिका
इस स्कूल की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यहाँ के शिक्षक बच्चों को अपने परिवार का हिस्सा मानते हैं। वे न सिर्फ पढ़ाते हैं बल्कि उनके जीवन में मार्गदर्शक और शुभचिंतक की भूमिका निभाते हैं।
इसके अलावा, कई बार ऐसे छात्र जिनके पास किताबें, कॉपी या यूनिफॉर्म तक खरीदने की स्थिति नहीं होती, उनके लिए शिक्षक स्वयं मदद करते हैं। यही संवेदनशीलता इस विद्यालय को खास बनाती है।
प्रेरणादायक माहौल और शिक्षकों का संकल्प
साथ ही, Khalsa Middle School माहौल प्रेरणादायक और अनुकरणीय है। हर शिक्षक का संकल्प है कि इन बच्चों को बेहतर शिक्षा देकर समाज का जिम्मेदार नागरिक बनाया जाए।
आज जब शिक्षा एक व्यवसाय का रूप ले रही है, ऐसे में खालसा मिडिल स्कूल जैसे संस्थान यह साबित करते हैं कि सच्ची नीयत, समर्पण और मानवीय संवेदना से समाज में बड़ा परिवर्तन संभव है।
एक बार अवश्य जाएँ — प्रेरणा से भर उठेगा मन
यदि आप कभी दिल्ली की प्रसिद्ध सरोजनी नगर मार्केट जाएँ, तो एक बार इस स्कूल में ज़रूर जाएँ। इन बच्चों की मुस्कान, उनकी मासूमियत और शिक्षकों की मेहनत देखकर आपका मन गर्व और प्रेरणा से भर उठेगा।
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