✍️ संजीव ठाकुर की रिपोर्ट
नई दिल्ली: फ़्रॉड वीज़ा रैकेट दिल्ली क्राइम ब्रांच ने बड़ी कार्रवाई में बेनकाब किया है। यह गिरोह नेपाली युवाओं को विदेश में नौकरी का झांसा देकर लाखों रुपये ठग रहा था। क्राइम ब्रांच डीसीपी विक्रम सिंह और उनकी टीम ने दो आरोपियों जयकाब और रूपेश को गिरफ्तार कर लिया है।दिल्ली क्राइम ब्रांच ने बहुत ही बेहतर काम किया है काफी समय से पुनः चर्चा मैं था
फ़्रॉड वीज़ा रैकेट कैसे काम करता था?
जांच में सामने आया कि आरोपी नेपाली नागरिकों से कहते थे कि वे उन्हें विदेश में अच्छी नौकरी दिलाएंगे। इसके बदले मोटी रकम ली जाती थी। अब तक इस गिरोह ने करीब 19 नेपाली युवाओं से ₹70 लाख की ठगी की। यह साफ दिखाता है कि यह फ़्रॉड वीज़ा रैकेट लंबे समय से सक्रिय था।
दिल्ली क्राइम ब्रांच की छापेमारी
छापेमारी के दौरान पुलिस ने आरोपियों से:
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13 नेपाली पासपोर्ट
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आपत्तिजनक डिजिटल सबूत
जब्त किए। ये पासपोर्ट युवाओं से नौकरी दिलाने के बहाने लिए गए थे।
19 नेपाली नागरिकों की बचाई गई ज़िंदगी
दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सभी 19 पीड़ितों को पहाड़गंज स्थित होटलों से सुरक्षित बाहर निकाला। इससे साफ है कि पुलिस ने न सिर्फ आरोपियों को पकड़ा बल्कि पीड़ितों को भी समय पर राहत दी।
आगे की जांच और अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन
डीसीपी विक्रम सिंह ने कहा कि आरोपियों से पूछताछ जारी है और यह भी जांच की जा रही है कि इस फ़्रॉड वीज़ा रैकेट के तार विदेशों तक फैले हैं या नहीं। उन्होंने युवाओं को आगाह करते हुए कहा कि नकली एजेंट सुनहरे भविष्य का वादा करके भोले-भाले युवाओं को फंसाते हैं, लेकिन असलियत में यह केवल ठगी का खेल है।
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