संजीव ठाकुर
उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने गाज़ियाबाद और गौतमबुद्ध नगर में चल रहे एक बड़े जबरन वसूली रैकेट का पर्दाफाश किया है। यह गिरोह बाप–बेटे की जोड़ी के नेतृत्व में चल रहा था, जो फर्जी शिकायतों के जरिए उद्यमियों और बिल्डरों से करोड़ों की वसूली कर रहा था। UP STF Arrests Father-Son Duo Extortion केस को लेकर क्षेत्र में सनसनी फैल गई है।
गिरफ्तार आरोपी कौन हैं?
एसटीएफ ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है:
- अंकुर गुप्ता (52), निवासी दरियागंज, दिल्ली
- नरेंद्र धवन, निवासी शास्त्रीनगर, दिल्ली
- हर्नाम धवन (नरेंद्र का बेटा)
Blackmail ka jariya
बाप बेटे ने मिलकर कलंकित किया लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को अपने वीकली अखबार और YouTube channel दिल्ली अप टू डेट के नाम ईडी, सीबीआई, आयकर विभाग के नाम पर करोड़ों की जबरन वसूली का गोरख धंधा शुरू किया .
बरामद सामान
गिरफ्तारी के दौरान एसटीएफ ने इनके पास से बरामद किया:
- 4 मोबाइल फोन
- ₹62,720 नकद
- नकली आधार कार्ड
- 1 अमेरिकी डॉलर
- 17 डाक रसीदें
धवन परिवार “दिल्ली अप टू डेट” नामक साप्ताहिक अखबार चलाता था, जिसे ब्लैकमेलिंग और दबाव बनाने का हथियार बनाया गया।
कैसे करते थे उद्यमियों से वसूली?
एसटीएफ की जांच में सामने आया कि आरोपी उद्यमियों और बिल्डरों के खिलाफ ईडी, सीबीआई, आयकर विभाग, विकास प्राधिकरण और ईओडब्ल्यू जैसी एजेंसियों में झूठी शिकायतें दर्ज कराते थे।
- अखबार और चैनलों में खबरें छपवाकर साख खराब की जाती।
- फिर करोड़ों की जबरन वसूली की जाती।
रकम की मांग
- पहले बिल्डरों से ₹15 करोड़ मांगे गए।
- बाद में घटाकर ₹5 करोड़ की मांग की गई।
- कुछ रकम पहले ही वसूली जा चुकी है।
एसटीएफ की कार्रवाई
नोएडा यूनिट के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजकुमार मिश्रा और पुलिस अधीक्षक नवेंदु कुमार के नेतृत्व में यह ऑपरेशन चलाया गया।
- आरोपियों को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया।
- गौतमबुद्ध नगर में पूछताछ के बाद 29 सितम्बर को औपचारिक गिरफ्तारी हुई।
पूछताछ में अंकुर गुप्ता ने कबूल किया कि कपड़ों की दुकान से जुड़े बैंक लोन विवाद के बाद उसने यह धंधा शुरू किया था।
गिरोह से उद्यमियों और खरीदारों को नुकसान
इस गिरोह की वजह से:
- कई बिल्डरों के प्रोजेक्ट अटक गए।
- सैकड़ों खरीदारों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा।
- डेवलपर्स की छवि खराब हुई।
मुकदमा और धाराएँ
गाज़ियाबाद के इंदिरापुरम थाने में आरोपियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है:
- धारा 308 (जबरन वसूली)
- धारा 351 (अमानत में खयानत)
- धारा 318 (धोखाधड़ी)
- धारा 336 (जालसाजी)
आरोपी हर्नाम धवन का आपराधिक इतिहास
एसटीएफ की जांच में यह भी सामने आया कि हर्नाम धवन का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड है।
- वर्ष 2021 में वह IPC 376 (बलात्कार) केस में जेल जा चुका है।
जांच जारी
एसटीएफ ने बताया कि जांच जारी है और प्रभावित उद्यमियों की सूची तैयार की जा रही है। गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की भी तलाश की जा रही है।
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Foreign Extortion Gang Busted by Delhi Police — 8 Members Arrested







