(संजीव ठाकुर): नई दिल्ली।
Delhi Vigilance ASI bribery case का पूरा मामला
Delhi Vigilance ASI bribery case ने राजधानी में पुलिस विभाग की छवि पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विजिलेंस यूनिट ने महरौली थाने के एएसआई पी.आर. मीणा और उसके बिचौलिए मोहम्मद शाकिर को ₹7,000 की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया।
शिकायत और रिश्वत की मांग
नेब सराय निवासी हितेश, जो एक भर्ती कंपनी में काम करते हैं, ने शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि एएसआई मीणा ने उनकी मोटरसाइकिल को मामूली विवाद के बाद थाने में जमा कर लिया। बाइक छोड़ने के लिए मीणा ने पहले ₹10,000 की रिश्वत मांगी। हालांकि, बाद में रकम घटाकर ₹7,000 तय कर दी गई। हितेश ने रिश्वत मांगने की कॉल रिकॉर्डिंग भी सबूत के तौर पर विजिलेंस को दी।
विजिलेंस की कार्रवाई और गिरफ्तारी
शिकायत मिलने के बाद विजिलेंस ने कार्रवाई शुरू की। टीम ने शिकायतकर्ता को फिनॉलफ्थलीन पाउडर लगे नोट दिए। ये नोट शाकिर के जरिए एएसआई मीणा तक पहुंचाए गए। जैसे ही पैसे हाथों-हाथ पहुंचे, टीम ने दोनों को पकड़ लिया। मौके से सभी नोट बरामद कर लिए गए।
Delhi Vigilance ASI bribery case से जुड़े सबूत
इसके बाद दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। विजिलेंस ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत FIR दर्ज की। आज आरोपियों को राऊज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया जाएगा।
नागरिकों से विजिलेंस की अपील
दिल्ली पुलिस में भ्रष्टाचार के ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। इसके बावजूद विजिलेंस लगातार कार्रवाई कर रही है। डीसीपी ने लोगों से अपील की कि वे रिश्वत से जुड़ी जानकारी तुरंत हेल्पलाइन पर साझा करें। साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि शिकायतकर्ताओं की पहचान पूरी तरह गुप्त रखी जाएगी। नतीजतन, नागरिक बिना डर शिकायत कर सकते हैं।
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