एकादशी की आरती का महत्व (Importance of Ekadashi Ki Aarti)
Ekadashi Ki Aarti यह हर महीने आने वाली एकादशी तिथि पर की जाती है। यह व्रत पूर्णरूप से भगवान विष्णु को समर्पित होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन विष्णु भगवान की आरती और व्रत करने से पापों का नाश होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
एकादशी व्रत रखने से मन पवित्र होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
Ekadashi Ki Aarti Lyrics in Hindi | एकादशी की आरती के शब्द
आरती विष्णु भगवान की
ॐ जय एकादशी, जय एकादशी, जय एकादशी माता ।
विष्णु पूजा व्रत को धारण कर, शक्ति मुक्ति पाता ।। ॐ🌿।।
तेरे नाम गिनाऊं देवी, भक्ति प्रदान करनी ।
गण गौरव की देनी माता, शास्त्रों में वरनी ।।ॐ🌿।।
मार्गशीर्ष के कृष्णपक्ष की उत्पन्ना, विश्वतारनी जन्मी।
शुक्ल पक्ष में हुई मोक्षदा, मुक्तिदाता बन आई।। ॐ🌿।।
पौष के कृष्णपक्ष की, सफला नामक है,
शुक्लपक्ष में होय पुत्रदा, आनन्द अधिक रहै ।। ॐ🌿 ।।
नाम षटतिला माघ मास में, कृष्णपक्ष आवै।
शुक्लपक्ष में जया, कहावै, विजय सदा पावै ।। ॐ 🌿।।
विजया फागुन कृष्णपक्ष में शुक्ला आमलकी,
पापमोचनी कृष्ण पक्ष में, चैत्र महाबलि की ।। ॐ 🌿।।
चैत्र शुक्ल में नाम कामदा, धन देने वाली,
नाम बरुथिनी कृष्णपक्ष में, वैसाख माह वाली ।। ॐ🌿 ।।
शुक्ल पक्ष में होय मोहिनी अपरा ज्येष्ठ कृष्णपक्षी,
नाम निर्जला सब सुख करनी, शुक्लपक्ष रखी।। ॐ 🌿।।
योगिनी नाम आषाढ में जानों, कृष्णपक्ष करनी।
देवशयनी नाम कहायो, शुक्लपक्ष धरनी ।। ॐ 🌿।।
कामिका श्रावण मास में आवै, कृष्णपक्ष कहिए।
श्रावण शुक्ला होय पवित्रा आनन्द से रहिए।। ॐ 🌿।।
अजा भाद्रपद कृष्णपक्ष की, परिवर्तिनी शुक्ला।
इन्द्रा आश्चिन कृष्णपक्ष में, व्रत से भवसागर निकला।। ॐ🌿 ।।
पापांकुशा है शुक्ल पक्ष में, आप हरनहारी।
रमा मास कार्तिक में आवै, सुखदायक भारी ।। ॐ 🌿।।
देवोत्थानी शुक्लपक्ष की, दुखनाशक मैया।
पावन मास में करूं विनती पार करो नैया ।। ॐ🌿 ।।
परमा कृष्णपक्ष में होती, जन मंगल करनी।।
शुक्ल मास में होय पद्मिनी दुख दारिद्र हरनी ।। ॐ 🌿।।
जो कोई आरती एकादशी की, भक्ति सहित गावै।
जन गुरदिता स्वर्ग का वासा, निश्चय वह पावै।। ॐ 🌿।।
एकादशी व्रत करने के नियम (Rules of Ekadashi Vrat)
- व्रत से एक दिन पहले ही सात्विक भोजन करें।
- ब्रह्म मुहूर्त में उठे और स्नान करें और भगवान विष्णु की आरती करें।
- पूरे दिन उपवास रखें और भक्ति भाव से पूजा करें।
- एकादशी की रात को भगवान विष्णु के नाम का जाप करें।
- द्वादशी के दिन ब्राह्मण को दान देकर व्रत पूर्ण करें।
Ekadashi Ki Aarti करने के लाभ (Benefits)
- यह व्रत पापों का नाश होता है।
- धन, वैभव और शांति की प्राप्ति।
- परिवार में सुख-समृद्धि आती है।
- मन को शुद्धि और आत्मिक उन्नति होती है।
FAQs about Ekadashi Ki Aarti
Q1. Ekadashi Ki Aarti कब की जाती है?
एकादशी की आरती सूर्योदय के बाद भगवान विष्णु की व्रत कथा के बाद की जाती है।
Q2. क्या महिलाएं एकादशी व्रत रख सकती हैं?
हाँ, स्त्री और पुरुष दोनों एकादशी व्रत रख सकते हैं।
Q3. एकादशी व्रत में क्या नहीं खाना चाहिए?
चावल, दाल, प्याज, लहसुन और मांसाहारी भोजन से परहेज़ करें।
निष्कर्ष (Conclusion)
Ekadashi Ki Aarti केवल एक धार्मिक क्रिया नहीं बल्कि यह भक्ति और सुखसमृद्धि और शांति का मार्ग है। जो व्यक्ति श्रद्धा से व्रत रखता है और आरती करता है, उस पर विष्णु भगवान की कृपा सदा बनी रहती है।
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