(संजीव ठाकुर)
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने Inter-State Drug Syndicate Arrest Delhi के तहत बड़ी सफलता हासिल की है।
एसीपी उमेश बर्थवाल की देखरेख में क्राइम ब्रांच की नारकोटिक ड्रग्स रोधी टीम (NDR), आर.के. पुरम ने एक सक्रिय इंटर-स्टेट ड्रग सिंडिकेट के मुख्य सरगना को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार आरोपी की पहचान जमजीथ के.पी. उर्फ समझू, निवासी कालीकट (केरल) के रूप में हुई है, जो लंबे समय से फरार था। पुलिस ने उसे दुबई से लौटते समय मंगळुरु एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी सीधे तौर पर Inter-State Drug Syndicate Arrest Delhi अभियान का हिस्सा थी।
कैसे चढ़ा पुलिस के हत्थे किंगपिन समझू
इंस्पेक्टर रामपाल के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच की टीम जुलाई 2025 से नशे के नेटवर्क के खिलाफ अभियान चला रही थी। इसी दौरान तीन आरोपी — फहीम अहमद के.एम., दीपक शर्मा उर्फ दीपु और समीर — को 4 किलो 133 ग्राम हाइब्रिड गांजा के साथ पकड़ा गया।
पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि यह पूरा नेटवर्क केरल निवासी समझू के इशारे पर काम करता था, जो थाईलैंड में रहकर भारत में ड्रग्स की सप्लाई संचालित कर रहा था। यह जानकारी सीधे Inter-State Drug Syndicate Arrest Delhi की जांच में सामने आई।
पुलिस की रणनीति और गिरफ्तारी
मुख्य आरोपी समझू लंबे समय से पुलिस की पकड़ से बाहर था। उस पर धारा 84 BNSS के तहत कानूनी कार्रवाई की गई थी। लगातार निगरानी और अंतरराज्यीय समन्वय के बाद, पुलिस टीम ने 21 अक्तूबर 2025 को उसे मंगळुरु एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी Inter-State Drug Syndicate Arrest Delhi अभियान की सबसे बड़ी सफलता मानी जा रही है।
नेटवर्क का दायरा और तरीका
जांच में सामने आया कि समझू ने भारत के कई राज्यों में अपने सहयोगियों का विस्तृत नेटवर्क बना रखा था।
वह अंतरराष्ट्रीय कार्गो कंसाइनमेंट्स के ज़रिए मुंबई और दिल्ली एयरपोर्ट्स से हाइब्रिड गांजा मंगवाता था, और फिर अपने नेटवर्क के माध्यम से देश के विभिन्न हिस्सों में सप्लाई करवाता था।
अब तक इस मामले में चार आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जबकि अन्य सहयोगियों की तलाश जारी है। इस गिरफ्तारी से अभियान को काफी मजबूती मिली है।
क्राइम ब्रांच का बयान
क्राइम ब्रांच का कहना है कि यह गिरफ्तारी नशे के नेटवर्क को तोड़ने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है।
टीम अब इस इंटर-स्टेट ड्रग सिंडिकेट से जुड़े अन्य सहयोगियों और विदेशी सप्लायर्स की पहचान करने में जुटी है। यह सफलता सीधे तौर के प्रयासों का परिणाम है।
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