एयर इंडिया प्लेन क्रैश: अहमदाबाद हादसे की रिपोर्ट ने पश्चिमी मीडिया के दावों की पोल खोली(AI171 )

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गुजरात के अहमदाबाद में पिछले महीने हुए प्लेन क्रैश की प्रारंभिक रिपोर्ट सामने आने के बाद पश्चिमी मीडिया, खासकर न्यूयॉर्क टाइम्स, ने दावा किया था कि एयर इंडिया (AI171) का विमान तकनीकी खामी से नहीं, बल्कि पायलट की गलती से क्रैश हुआ।
इस पूरी घटना के लिए पश्चिमी मीडिया ने पायलटों को दोषी ठहराया था।
लेकिन अब जांच में नया मोड़ आया है, जिसने इन दावों को झूठा साबित कर दिया है।

जानिए क्यों हुआ यह हादसा, और अमेरिकी रिपोर्ट कैसे इसे छिपा रही है?

दरअसल, 12 जून को अहमदाबाद में उड़ान के कुछ सेकंड बाद ही एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 दुर्घटनाग्रस्त हो गई।
जांच में विमान के मलबे से कुछ चौंकाने वाले सबूत मिले हैं।
जांच अधिकारियों ने बताया, क्रैश से पहले विमान की बिजली आपूर्ति में गड़बड़ी हो गई थी।
महत्वपूर्ण बात यह है कि विमान का पिछला हिस्सा आग से जला भी नहीं था।

इसके अलावा, हादसे में बचे इकलौते यात्री विश्वास कुमार रमेश ने भी बयान दिया।
उनके अनुसार, प्लेन क्रैश से पहले विमान की लाइट बार-बार बंद हो रही थी।
यह साफ संकेत है कि बिजली सप्लाई में खराबी थी।

क्या यह पहले से तकनीकी दिक्कतों का शिकार था?

दरअसल, यह फ्लाइट अहमदाबाद से लंदन जाने वाली थी।
उड़ान से पहले यह दिल्ली से अहमदाबाद आई थी।
इस दौरान विमान के STAB POS XDCR में तकनीकी खराबी आ गई थी।
हालांकि, इसे अहमदाबाद में ठीक कर लिया गया था।
यह कंपोनेंट विमान के पिछले हिस्से में स्थित होता है।

इसके अलावा, विमान की टेल में मौजूद APU (Auxiliary Power Unit) भी सुरक्षित पाया गया।
यह यूनिट इंजन स्टार्ट करने और पावर बैकअप देने के काम आती है।
वहीं, विमान के इस हिस्से में इलेक्ट्रिक आग के संकेत भी मिले हैं।
AAIB (Aircraft Accident Investigation Bureau) ने सभी हिस्सों को अहमदाबाद में सुरक्षित रखकर बारीकी से जांच की है।

क्या पायलट की गलती थी?

अब सवाल उठता है कि क्या यह पायलट की गलती थी?
एविएशन एक्सपर्ट्स का मानना है कि बिजली आपूर्ति बाधित होने के कारण फ्यूल कटऑफ हो सकता है।
शायद पायलट्स ने विमान को फिर से स्टार्ट करने के प्रयास में फ्यूल ऑन-ऑफ करने की प्रक्रिया अपनाई होगी।
हालांकि, इस दौरान उन्हें इंजन रन करने का मौका नहीं मिला और विमान क्रैश हो गया।

ध्यान देने वाली बात है कि फ्यूल कटऑफ और रन करने में सिर्फ 1 सेकंड का समय लगता है।
अगर पायलट ने गलती से फ्यूल स्विच ऑफ भी किया होता, तो दूसरे पायलट के पास उसे ऑन करने का पर्याप्त समय था।
इससे स्पष्ट है कि सिर्फ फ्यूल कटऑफ को ही हादसे की वजह मानना सही नहीं है।

AAIB रिपोर्ट में क्या कहा गया?

AAIB की रिपोर्ट के अनुसार, 1 बजकर 38 मिनट 52 सेकंड पर इंजन 1 का फ्यूल कटऑफ स्विच फिर से स्टार्ट किया गया।
इसके 4 सेकंड बाद, 1 बजकर 38 मिनट 56 सेकंड पर इंजन 2 का भी फ्यूल स्विच ऑन हुआ।
रिपोर्ट बताती है कि इंजन 1 ने रिकवरी शुरू कर दी थी।
लेकिन इंजन 2 पूरी तरह से रिकवर नहीं कर पाया।

जब तक इंजन 2 रिकवर करता, तब तक विमान मेडिकल हॉस्टल से टकराकर क्रैश हो गया।
इसके अलावा, 1 बजकर 38 मिनट 42 सेकंड पर दोनों इंजन बंद हो चुके थे।
संभवतः उसी समय पायलट ने पूछा होगा, “क्या तुमने फ्यूल स्विच बंद किया है?”

एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं?

दैनिक भास्कर से बातचीत में कैप्टन सीएम रंधावा ने कहा,
“कोई भी पायलट पहले फ्यूल स्विच बंद करके उसे ऑन करने के लिए 10 सेकंड का इंतजार नहीं करेगा, वो भी इमरजेंसी में। ये संभव नहीं है।”

इसी तरह, अमेरिकी एक्सपर्ट मैरी शियावो ने भी एक अहम बात कही।
उनके अनुसार, बोइंग 787 के सेंसर में अक्सर तकनीकी दिक्कतें आती रहती हैं।

अमेरिकी मीडिया का रवैया

इन सब तथ्यों के बावजूद, खासकर अमेरिकी मीडिया लगातार यह दावा कर रहा है कि हादसा पायलट की गलती से हुआ।
यह साफ दिखाता है कि कुछ मीडिया हाउस अमेरिकी कंपनी बोइंग को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।

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